गणपति
- Bhumika saxena
- Aug 30
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जिनके मस्तक पर चंद्र साजे
जो स्वयं मूषक पर विराजे,
विघ्नों को हरते वो
एकदंत बन एकाग्रता सिखाते,
हर बंधन से मुक्त वो करते,
अंकुश साध मन को स्थिर करते,
मोह का नाश करते,
सबके वो गजानन कहलाते,
शंभू गौरी के नंदन वो
सबके भय का सर्वनाश कर जाते,
बुद्धि के दाता वो
गजानन रूप में साहस और धैर्य का संगम कराते,
भालनेत्र बन ज्ञान कराते,
वक्रतुंड बन जीवन की जटिलताओं का बोध कराते,
ब्रह्मांडीय ऊर्जा के अस्तित्व वो
प्रथम पूजनीय गणपति कहलाते।



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